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Smt. Sunitidevi Singhania School was proud to host the CISCE Zonal Gymnastics Competition 2025. Click here to know the full details.
श्रीमती सुनीतिदेवी सिंघानिया स्कूल विद्यालय में 21 सितंबर को हिंदी दिवस बड़ी धूमधाम और हर्षो-उल्लास के साथ मनाया गया। कक्षा 1 से 6 तक के छात्रों ने एक प्रदर्शनी का आयोजन किया जिसमें भाषा के खेलों के साथ हिंदी साहित्य से परिचित कराया गया । कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों ने इस प्रदर्शनी में भाग लिया और विभिन्न खेलों का आनंद लिया। इस अवसर पर विभिन्न कक्षाओं के छात्रों ने भाषा और साहित्य के प्रति अपने प्रेम और समझ का प्रदर्शन किया। कक्षा 1, 2 और 3 के नन्हे-मुन्ने छात्रों ने हिंदी गीत प्रस्तुत कर समां बाँधा । उनके गीतों में हिंदी भाषा की सरलता और सुंदरता का वर्णन था, जिसने सभी का मन मोह लिया। कक्षा 4, 5 और 6 के छात्रों ने अलग-अलग हिंदी लेखक एवं लेखिकाओं का मंच पर सजीव चित्रण किया। उनकी प्रस्तुति ने सभी को हिंदी साहित्य की गहराई और विविधता से परिचित कराया। इसके बाद, कक्षा 7 के छात्रों हिंदी भाषा के महत्त्व पर एक नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया, कक्षा 8 "किताबों की कहानी: भूत, वर्तमान और भविष्य" में किताबों की बदलती भूमिका पर रोशनी डाली गई तथा किताबें ज्ञान का भंडार है यह संदेश दिया गया कि पुस्तकों का महत्व समय के साथ कभी कम नहीं होता। कक्षा 8 के ही छात्रों ने बताया कि किस प्रकार हिंदी भाषा और किताबें हमारे जीवन में गहराई से जुड़ी हुई हैं तथा हमें हमेशा सीखने और समझने के नए रास्ते प्रदान करती हैं। कार्यक्रम के समापन में कक्षा 8 की छात्राओं ने एक सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत किया, जिसमें हिंदी भाषा और साहित्य की महिमा का सुंदर चित्रण किया गया। इस नृत्य ने पूरे कार्यक्रम को एक रंगारंग और भावपूर्ण बना दिया। अंत में, प्रधानाचार्या श्रीमती लक्ष्मी मधुसूदन जी ने सभी छात्रों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए हिंदी दिवस की शुभकामनाएँ दीं और हिंदी भाषा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हिंदी केवल हमारी राजभाषा नहीं है, बल्कि यह हमारी पहचान और संस्कृति का प्रतीक भी है। उन्होंने छात्रों को हिंदी पढ़ने, लिखने और बोलने की आदत विकसित करने के लिए प्रेरित किया, ताकि वे भाषा के प्रति अपने कर्तव्यों को समझ सकें और इसे जीवन में अपनाएँ। हिंदी दिवस का यह विशेष कार्यक्रम सभी के लिए एक यादगार अनुभव रहा। छात्रों ने न केवल हिंदी भाषा की महत्ता को समझा, बल्कि इसे अपनी दैनिक जिंदगी में उपयोग करने का संकल्प भी लिया।